Abhishek Sharma की तूफ़ानी पारी, पर फिर भी मलाल क्यों?




क्या कुछ अभिषेक शर्मा ने नहीं किया। फिर भी मलाल रह गया। भाई ने 37 गेंदों में सैकड़ा ठोंका। 13 छक्के लगाये जो इससे पहले किसी भारतीय ने नहीं मारे थे। आज तक किसी भी भारतीय ने 135 रन किसी T20 के मैच में नहीं लगाए थे। ये अभिषेक ने करके दिखाया। वो जोफ़रा आर्चर और मार्क वुड जिनकी गेंद की तेज़ी के आगे संजू सैम्सन एक तरह से भाग रहे थे, अभिषेक उन्हें क्रीज़ से आगे निकल निकल के ठोंक रहे थे। भारत के पहले छह ओवर में स्कोर, अभिषेक के रहते 95 रन हो गया था। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। तिलक वर्मा के साथ दूसरे विकेट के लिये 115 रन सिर्फ़ 43 गेंदों में जोड़े। वर्मा ने इन 115 रनों में अपना योगदान सिर्फ़ 24 रनों का दिया। कहने का मतलब ये है कि अभिषेक ने कल मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में ग़दर मचा दिया। पर फिर भी एक मलाल रहा। मलाल इस बात का नहीं की पूरी सीरीज में संजू सैमन और कप्तान सूर्यकुमार यादव असफल रहे। संजू ने पाँच पारियों में ५१ रन बनाये। सूर्या ने अपनी पाँच पारियों में सिर्फ़ 28 रन बनाये। मलाल इस बात का रहा कि चौथे  मैच में जो बेईमानी हुई उसकी परछाई पाँचवे मैच में भी पड़ी। चौथे मैच में टीम इंडिया ने शिवम् दुबे को चोटिल दिखा के हर्षित राणा को खिला लिया। यानी बल्लेबाज़ के 50 प्लस रनों का भी फ़ायदा उठाया। और हर्षित की गेंदबाज़ी का भी जिसने अपने चार ओवरों में 33 रन देकर 3 विकेट निकाले। नियमों के अनुसार अगर मैच में कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाये तो आप उसी की तरह के किसी खिलाड़ी को खिला सकते हो। अब दुबे एक तरह से बल्लेबाज़ हैं। शायद ही उन्हें कभी चार ओवर फेंकने को मिले। और राणा मूलतः एक गेंदबाज़ हैं। और अगर शिवम् चोटिल थे, तो उन्होंने बाद की गेंद चौथे मैच में क्यों खेली? नियम ये भी कहते हैं कि अगर कोई खिलाड़ी चोटिल हो जाये, तो वो अगले सात दिनों के लिए नहीं खिलाया जा सकता है। पर यहाँ तो शिवम् दो दिनों के बाद ही पाँचवा मैच खेल रहे थे। इंग्लैंड के ख़ेमे से तो बुराई हो ही रही है, इंडिया में इस बात पर थू थू हो रही है। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने पाँचवे मैच के टॉस के समय कहा कि ये हमारे 11 खिलाड़ी मैच खेल रहे हैं और ये 4 हमारे इंपैक्ट सब है। यानी 15 में से जो चार नहीं खेल रहे थे, उन बटलर ने इंपैक्ट सब बताया। यानी हम भी किसी खिलाड़ी को चोटिल बता के इन चारों में से किसी को भी खिला देंगे। उधर इंग्लैंड के जाने माने मैच रेफ़री क्रिस ब्रॉड ने कहा कि इंडिया ने बेईमानी इसलिये कि क्योंकि इस श्रृंखला में मैच रेफ़री एक इण्डियन है। उनका इशारा जवागल श्रीनाथ की तरफ़ था। उनका कहना था कि अगर कोई तटस्थ मैच रेफ़री होता तो ये सब कुछ न होता। इंडिया के पुराने दिग्गज सुनील गावस्कर ने भी इंडिया की चुटकी ली है। गावस्कर ने कहा कि दुबे और हर्षित राणा में एक ही बात एक सी थी। और वो ये कि दोनों की लंबाई बराबर की है। उधर टीम इंडिया ने अपनी तरफ़ से अपना दांव खेल डाला। कोच गौतम गंभीर ने कहा पाँचवे मैच में दुबे ने दो विकेट निकाले।तो ऐसा नहीं है कि वो गेंदबाज़ी नहीं कर सकते हैं। भाई कुछ भी बोलो, दुबे की जगह राणा को खिलाना अभी भी हज़म नहीं हो रहा है।